जालंधर साल 2012 में एएसआई रविंद्र पाल सिंह की हत्या के आरोप में दोषी धर्मपाल सिंह उर्फ धर्मा की वीरवार देर रात को गोलियां मार कर हत्या कर दी गई। धर्मा कुछ दिन पहले ही परोल पर जेल से बाहर आया था। हत्या करने के बाद इस पूरे कांड की जिम्मेदारी जग्गू भगवानपुर या गैंग की ओर से ली गई है।
जानकारी मुताबिक मृतक धर्मा वीरवार रात करीब 12:00 बजे अपनी गाड़ी को घर के बाहर पार्क कर रहा था। इसी दौरान बाइक पर तीन युवक आए और आते ही गोलियां चलाने शुरू कर दी। गोलियां सीधा धर्मा के सीने पर लगी, जिस कारण वह बुरी तरह से जख्मी हो गया। गोलियों की आवाज सुनकर धर्मा के परिवार वाले बाहर निकले और तुरंत उसे अस्पताल पहुंचाया। अस्पताल पहुंचने पर उसकी मौत हो गई।
वही हत्या के तुरंत बाद जग्गू गैंग की ओर से एक पोस्ट वायरस की गई जिसमें लिखा है कि धर्म जो की 12 सितंबर को पेट्रोल पर जेल से बाहर आया था वह उनके अंतिम ग्रुप बम बिहार गैंग का सदस्य है इसीलिए उसकी मौत की जिम्मेदारी हैरी चट्टा, केशव शिवाला, अमृत दालम ओर सिकंदर कनाडा लेते है। पोस्ट में आगे लिख है कि धर्मा जेल में रहकर हमारा साथियों की गिनती करता ओर अपनी गैंग को बताता था।
वहीं सूचना मिलने पर एसीपी शिवा दर्शन मौके पर पहुंचे और जायजा लेकर जान शुरू कर दी है।
गोर हो कि साल 2012 में खण्डवला इलाके में धर्मा और उसके साथियों ने ए एसआई रविंद्र पाल सिंह की गोलियां मारकर हत्या कर दी थी। जिसके बाद इन पर केस चला और मृत्यु तक जेल में रहने की सजा सुनाई गई है।