नरेश भारद्वाज
जालंधर। नटोरियस क्लब, बंसल स्वीट्स के बाद अब राजन सिद्धू- डॉ. कपूर का विवाद शहर की चर्चा का विष्य बना हुआ है। माडल टाऊन के करोड़ों रुपये के प्रापर्टी विवाद में शुक्रवार को राजन सिद्धू न डॉ. जशनीव कपूर पर आरोप लगाया कि उनहोंने ब्याज पर पैसा लिया था लेकिन डॉ. कपूर प्रापर्टी का मालिक बन बैठा। मजेदार बात है कि इस सारे लेनदेन में 1.25 करोड़ की काले धन की ट्रांजेक्शन भी हुईऔर राजस्व चोरी भी हुआ।आयकर विभाग की आंखों में धूल झोकी गयी और साथ ही तहसीलदार के भी। राजन सिद्धू ने मीडिया के समक्ष कबूल किया कि उनहोंने चार करोड़ की राशि प्रापर्टी की एवज में डॉ कपूर से ली थी। लेकिन इसकी रजिस्ट्री पौने तीन करोड़ की करवायी गयी।
सवाल खड़ा हो रहा है कि सवा करोड़ की राशि का ब्यौरा राजन सिद्धू ने आयकर विभाग से छिपाया और रिटर्न में चार करोड़ की जानकारी नहीं दी। आयकर विभाग कानून के मुताबिक इस काले धन पर 40 फीसदी वसूल करेगा, जो करीब 50 लाख बनेगा। मामल आयकर विभाग के पास पहुंच गया है। वहीं डॉ. कपूर ने सवा करोड़ की राशि कहां से जेनरेट की, इसका सच भी आयकर विभाग निकालेगा।
एक जमीन के लिए चार करोड लिये गए लेकिन रजिस्टरी 2.75 करोड़ की करवाई गई। सवा करोड़ के लेनदेन को तहसीलदार से छिपाया गया। इस पर राजस्व डयूटी 8 फीसदी अदा करनी होगी। हालांकि राजन सिद्धू का कहना है कि उनकी प्रापर्टी गिरवी रखी थी, इसको बेचा नहीं गया था।