24.2 C
Jalandhar
Saturday, October 18, 2025

पंजाब पुलिस का कारनामा: पुलिस असली रेड नकली; आप नेता के साथ मिलकर नोयडा से तीन कारोबारी उठाए, मांगे 10 करोड़, फिर क्या हुआ?

पंजाब पुलिस ने जो कारनाम किया है वह बिल्कुल फिल्मी है। पुलिस असली थी, लेकिन रेड फर्जी थी। इस रेड का मकसद करोड़ों रुपये ऐंठना था। लेकिन इसका खुलासा होते ही पुलिस वालों की पोल खुल गई।

साइबर क्राइम थाना खन्ना के असली पुलिसवालों ने नोएडा के कॉल सेंटर में फर्जी रेड कर दी। पुलिसकर्मी गुजरात और अहमदाबाद के तीन कारोबारियों को गिरफ्तार पंजाब भी ले आए। रेड में एक प्राइवेट व्यक्ति को डीआईजी बनाया गया। मौजूदा एएसआई नकली एसपी बने। हेड कांस्टेबल व एक अन्य व्यक्ति को डीएसपी बनाया गया। कारोबारियों को साहनेवाल में एक ढाबे में बंद रखा गया। फिर सेटलमेंट के नाम पर 10 करोड़ रुपये मांगे। जब उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो केस दर्ज करवाने के लिए पहले साहनेवाल थाने लेकर पहुंच गए। हालांकि वहां गलत ढंग से पकड़े कारोबारी ने आरोपियों की पूरी कहानी की पोल खोल दी। इन आरोपियों में एक लुधियाना की आप विधायक का करीबी बताया जा रहा है। विधायक का कहना है कि वह उसके दफ्तर सिर्फ आता-जाता था। इसके अलावा मेरा उससे कोई संबंध नहीं है।

दरअसल, साइबर क्राइम थाना खन्ना के सब इंस्पेक्टर नरपिंदर पाल सिंह ने बताया कि हेड कॉन्स्टेबल बलविंदर सिंह मुझे विभाग के तौर पर थोड़ा बहुत जानता है। उसने पहले कई बार कहा था कि वह मुझे एक बड़े साइबर फ्रॉड रेड के बारे में जानकारी देगा। उसने बताया कि दिल्ली में एक कॉल सेंटर चलता है जो पंजाब के विभिन्न शहरों में लोगों से धोखाधड़ी करता है। उस पर रेड डालने से बड़ा खुलासा हो सकता है। मैंने एसआई के तौर पर कहा कि पहले इनके प्रूफ लेकर आओ फिर वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए हेड कांस्टेबल बलविंदर सिंह मुझसे 2-3 बार थाना आकर मिला, लेकिन किसी ठोस जानकारी नहीं दी।

एसआई नरपिंदर पाल सिंह ने आगे बताया कि उन्होंने तरुण अग्रवाल से पूछताछ की। तरुण ने बताया कि मैं और मेरे साथी हेरत शाह और थुराई राज 15 सितंबर को रात 10 बजे नोएडा स्थित अपने दफ्तर (ए-35, सेक्टर 136, सेकेंड फ्लोर) पर काम कर रहे थे। तभी चार व्यक्ति आए। जिनमें बलविंदर सिंह ने खुद को एसपी बताया। गगनदीप सिंह उर्फ एप्पल ने खुद को डीएसपी बताया। करनदीप सिंह के हाथ में हथियार था, उसने खुद को बलविंदर सिंह का गनमैन बताया गया। इसके अलावा एक और व्यक्ति खाकी वर्दी में था, जिसके गले पर टैटू और कद लगभग 6 फीट था। तरुण अग्रवाल ने आगे बताया- इन लोगों ने हमारे स्टाफ को एक तरफ कर, हमारे मोबाइल फोन और लैपटॉप ले लिए। बाकी स्टाफ को छोड़कर हमें तीनों को गाड़ी में बैठा लिया। इन्होंने हमें कहा कि हमारे खिलाफ चंडीगढ़ साइबर में शिकायत है। इसके बाद ये हमें 2 गाड़ियों, काली एमजी हेक्टर और काली किया सेल्टोस में लुधियाना ने आए। वहां करीब 4 बजे सुबह तक जिमीदारा ढाबा के कमरा नंबर 114 में रखा गया। एसआई नरपिंदर पाल सिंह ने कहा कि जब तरुण के बयानों पर बलविंदर सिंह और करनदीप सिंह से सख्ती से पूछताछ की गई, तो बलविंदर ने माफी मांगते हुए कहा कि उससे गलती हो गई।

 

आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज

एसआई के अनुसार इन आरोपियों ने तरुण अग्रवाल, हेरत शाह और थुराई राज को नोएडा से बिना किसी केस, शिकायत या एफआईआर के अगवा कर लिया। फिर उन्हें पंजाब लाकर जबरन पैसे की मांग की गई। उनके खातों से यूएस डॉलर्स, 1 लाख रुपये के गिफ्ट कार्ड, फोन और घड़ी लूट ली गई। एसआई के मुताबिक इस मामले हेडकॉन्स्टेबल बलविंदर सिंह, एएसआई कुलदीप सिंह, गगनदीप सिंह उर्फ गगन उर्फ एप्पल, करनदीप सिंह, मनी, और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ बीएनएस की धारा 319, 140, 3(5), 318(4) के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

Related Articles

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles