नरेश भारद्वाज
जालंधर।पंजाब पुलिस में इस समय हड़कंप मचा हुआ है।कुख्यात गैंगस्टरों द्वारा जान से मारने की धमकियों के मामले में सेवानिवृत्त एसटीएफ एआईजी संदीप शर्मा के बयान पर हैबोवाल थाने की पुलिस ने अज्ञात गैंगस्टरों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
गौरतलब है कि इससे पहले भी हैबोवाल थाने ने संदीप शर्मा के बयान पर साल 2023 में मामला दर्ज किया था। संदीप शर्मा ने अपनी शिकायत में पुलिस को बताया था कि जब वह एसटीएफ में फिरोजपुर जोन में एआईजी के पद पर तैनात थे, तब उन्होंने कई गैंगस्टरों को अवैध हथियारों और नशीले पदार्थों के साथ गिरफ्तार किया था और ए श्रेणी के गैंगस्टरों से पूछताछ की थी। जेल में बंद गैंगस्टरों को नशीले पदार्थ सप्लाई करने के आरोप में जेल में तैनात एक डिप्टी सुपरिंटेंडेंट और एक डॉक्टर के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई थी।
गिरफ्तार गैंगस्टरों से पूछताछ के बाद, उन्हें लॉरेंस बिश्नोई, जग्गू भगवान पुरिया, बग्गा खान उर्फ बूटा खान, मुनीश प्रभाकर, गोरू बच्चा, सुख बकरीवाल, राजपाल उर्फ राजा से धमकियाँ मिलने लगीं। मामला उच्च अधिकारियों के संज्ञान में आने पर, उन्हें सुरक्षाकर्मी मुहैया कराए गए और जाँच के बाद हैबोवाल थाने में मामला दर्ज किया गया।
जाँच के दौरान, पुलिस ने दो गैंगस्टरों बग्गा खान और मुनीश प्रभाकर को गिरफ्तार किया। लेकिन इसके बाद, उन्हें उपरोक्त कुख्यात गैंगस्टरों से व्हाट्सएप पर धमकियाँ मिलने लगीं और वे उन पर दोनों गिरफ्तार गैंगस्टरों के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द करने का दबाव बनाने लगे। जिसके चलते उन्होंने स्थानीय पुलिस अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन 10 महीने तक भी उनकी शिकायत पर कोई सुनवाई नहीं हुई। कोई सुनवाई न होने पर, उन्होंने तत्कालीन डीजीपी से भी शिकायत की, जिन्होंने स्थानीय अधिकारियों को निर्देश दिए, लेकिन फिर भी कोई सुनवाई नहीं हुई, इसलिए उन्होंने संबंधित अदालत में याचिका दायर की। जिस पर संबंधित न्यायालय ने मामले की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए और अधिकारियों द्वारा एक विशेष जाँच दल का गठन किया गया।
मामले की सुनवाई के दौरान, स्थानीय अधिकारियों ने इलाका मजिस्ट्रेट को एक रिपोर्ट प्रस्तुत की और बताया कि इस मामले में अभियोग पंजीकृत हो चुके हैं और आरोपियों ने अपना अपराध भी स्वीकार कर लिया है और संबंधित न्यायालय ने उन्हें सजा भी सुनाई है। जबकि यह मामला पिछले मामले से संबंधित था। उनके द्वारा दी गई नई शिकायत का उल्लेख नहीं किया गया था। अंततः कई महीनों की जाँच के बाद, नवगठित विशेष जाँच दल ने मामले की पुनः रिपोर्ट तैयार की। पुलिस ने संबंधित न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए सेवानिवृत्त एआईजी संदीप शर्मा के बयानों पर एक और मामला दर्ज करके आगे की जाँच शुरू कर दी है।