जालंधर, 15 सितंबर
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव और विधायक पद्मश्री परगट सिंह ने नवंबर में आ रहे सिखों के प्रथम गुरु श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर सिख जत्थे को पाकिस्तान जाने की मंजूरी नहीं देने की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार पाकिस्तान और भारत के बीच किक्रेट मैच को मंजूरी दे सकती है तो फिर सिख जत्थे को पाकिस्तान स्थित ननकाना साहिब दर्शन करने जाने से क्यों रोका जा रहा है।
सुरक्षा कारणों का हवाला देकर केंद्र सरकार सिख श्रद्धालुओं के साथ नाइंसाफी कर रही है। वह मानते हैं कि आप्रेशन सिंदूर के बाद से भारत-पाक के बीच सुरक्षा को लेकर बहुत ज्यादा तनाव है। लेकिन यह भी बहुत संवदेनशील मामला है। केंद्र सरकार को सिख श्रद्धालुओं की भावनाओं का ध्यान रखते हुए कोई रास्ता निकलना चाहिए, जिससे वह लोग दर्शन करने से वंचिन न रह सकें और उनकी सुरक्षा भी यकीनी बनाई जा सके।
परगट सिंह ने कहा कि आजादी बाद से यह पहली बार है कि जब पाकिस्तान स्थिति नानकाना साहिब में श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर श्रद्धालुओं को जाने से रोका जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को इस मामले में पुनर्विचार करना चाहिए। पूरी सुरक्षा के साथ इन श्रद्धालुओं को ननकाना साहिब जाने की इजाजत देनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि 1950 में हुए नेहरू-लियाकत समझौते के तहत सिख श्रद्धालुओं को चार मौके पर पाकिस्तान जाने की मंजूरी दी गई थी। जिसमें बैसाखी (खालसा पंथ स्थापना दिवस), श्री गुरु अर्जुन देव की शहीदी दिवस, महाराजा रणजीत सिंह की शहीदी दिवस और श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व शामिल हैं।
इसी साल पहले केंद्र सरकार ने महाराजा रणजीत सिंह की शहादत मौके पर भी पाकिस्तान जत्था भेजने से मना कर दिया गया था और अब श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर जत्थे को जाने की मंजूरी नहीं दी जा रही है। यह धार्मिक भावनाओं से जुड़ा फैसला है। उन्हें लगाता है कि इसमें पाकिस्तान को भी कोई एतराज नहीं होगा।
परगट सिंह ने कहा कि भाजपा इन मामलों में दोहरी नीति पर काम कर रही है। जहां बिजिनेस और पैसे की बात आती है तो देश की सुरक्षा और लोगों की भावनाओं को भुला दिया जाता है। तब भारत और पाकिस्तान के बीच किक्रेट मैच खेलने दिया जाता है। उस समय न तो सुरक्षा आड़े आती है और न ही देश के लोगों की भावनाओं को याद रखा जाता है।