जालंधर। शहर के प्रतिष्ठित क्षेत्र में संचालित नोटोरियस क्लब पिछले दिनों से काफी सुर्खियों में है। शनिवार रात क्लब में दो रसूखदार परिवारों के युवकों के बीच हुए हिंसक टकराव ने कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए है। वहीं पुलिस की जालंधर के क्लब पर मेहरबानी ने साख पर बट्टा लगा दिया है।
क्लब में बिल्डर और डिवेलपर त्रिवेणी मल्होत्रा के 23 वर्षीय बेटे और लैदर कारोबारी भाटिया के 32 वर्षीय बेटे टैबी के बीच किसी बात को लेकर तीखी बहस हुई, जो जल्द ही हाथापाई और हिंसा में तब्दील हो गई। बताया जा रहा है कि इस झड़प में मल्होत्रा के बेटे को गंभीर चोटें आई हैं और उसे अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा। सूत्रों के मुताबिक, दोनों पक्षों के बीच समझौते की बात चल रही है। इन सबके बीच डीसीपी ने अपने पैर खींच लिये हैं जो सेटिंगबाज एक पक्ष की बल्ले बल्ले करवा रहे थे वह भी नंगे पांव दौड़ गए हैं।
हैरानी की बात यह है कि इतनी बड़ी घटना के बाद मलाई खाने वाले एक पक्ष को जायज ठहरा रहे थे लेकिन ताली दोनों हाथों से बजती है एक से नही।विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, घटना में शामिल एक पक्ष ने कथित रूप से कुछ सेटिंगबाज के साथ एक मोटी ‘डील’ कर मामले को दबाए रखने का प्रयास किया लेकिन बात खुल ही गयी। नोटोरियस किलब आधी रात के बाद भी खुला रहा लेकिन इस पर कोई बोलने के लिए तैयार नहीं है ?
शहर के जानकारों का मानना है कि दोनों पक्षों की ओर से फिलहाल मामले को शांतिपूर्वक सुलझाने की कोशिशें की जा रही हैं। शहर के कई पावरफुल लोग और रसूखदार दोनों पक्षों की तरफ से पैरवी करने के लिए अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। पिछले दो -तीन दिन से पूरे शहर में केवल इसी मामले को लेकर चर्चाएं जारी हैं।
मामले को सुलझाने के लिए सत्ताधारी पार्टी के कई नेताओं ने पहलकदमी शुरू कर दी है। नितिन कोहली से लेकर राज्यसभा सांसद अशोक मित्तल के पास एप्रोच की जा रही है कि इस मामले को सुलझाया जाए।
लिहाजा मामले को ठंडा करने का प्रयास किया जा रहा है।