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Saturday, October 18, 2025

कांग्रेस विधायक परगट सिंह का आप सरकार पर निशाना, कहा लैंड पूलिंग पॉलिसी के जरिए पंजाब के किसानों और खेतीबाड़ी को पूरी तरह नष्ट करना चाहती है आप सरकार

चंडीगढ़, 6 अगस्त, 2025 :

 

पंजाब कांग्रेस कार्यालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में विधायक और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव, पद्मश्री परगट सिंह ने लैंड पूलिंग पॉलिसी के मामले में भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार पर भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर पंजाब की जमीन लूटने की साजिश रचने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कृषि नीति को लागू न करके लैंड पूलिंग पॉलिसी की नोटिफिकेशन करना आप सरकार का उद्देश्य पॉलिसी के जरिए पंजाब के किसान समुदाय और खेतीबाड़ी को पूरी तरह नष्ट करना है।

 

परगट सिंह ने खुलासा किया कि अब तक 65,033 एकड़ जमीन की अधिसूचना हो चुकी है, और सरकार का लक्ष्य इसे 1 लाख एकड़ तक ले जाने का है। उन्होंने कहा कि 1955 से अब तक कुल 28,000 एकड़ भूमि अधिग्रहित की गई थी, लेकिन अब एक ही वर्ष में 43,000 एकड़ और जोड़ दी गई है।

 

परगट सिंह ने आलोचना करते हुए कहा कि भगवंत मान सरकार ने सत्ता में आने के बाद नई कृषि नीति लाने का ऐलान किया था, जिससे किसानों को उम्मीद जगी थी। उस समय मंत्री कुलदीप धालीवाल ने भी आश्वासन दिया था कि यह नीति किसानों के हित में होगी। लेकिन अब सरकार ने इसे स्थगित कर दिया है, और लगता है कि उनकी मंशा किसानों की जमीन ही छीनने की है।

 

उन्होंने आरोप लगाया कि इस नीति के पीछे कॉर्पोरेट सेक्टर की लॉबी सक्रिय है, जो लैंड पुलिंग और लैंड एक्विज़िशन के ज़रिए पंजाब की ज़मीनें हड़पना चाहती है। परगट सिंह ने कहा कि छह राज्यों में ऐसी नीतियां लागू की गई हैं, लेकिन वहां भी किसान विरोध कर रहे हैं। उन्होंने याद दिलाया कि राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश में इसके खिलाफ प्रदर्शन किया था और 2013 का भूमि अधिग्रहण कानून लाने की पहल की थी।

उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब किसानों के साथ एक बड़ी ठगी है। उन्होंने कहा कि पहली जमीन कटरा हाइवे के आसपास ली जा रही है, और यह योजना न तो पंजाब के किसानों के हित में है, न ही स्थानीय व्यापारियों के। सरकार दिल्ली से व्यापारियों को लाकर स्थानीय कारोबार को भी खत्म करना चाहती है।

 

सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि यही कारण है कि इस पॉलिसी के तहत किसानों की जमीनों को हड़पने का एक भ्रामक प्रयास है, जो झूठे सर्वेक्षणों पर आधारित है, क्योंकि किसी भी गांव ने स्वेच्छा से इस उद्देश्य के लिए अपनी जमीन नहीं दी है। उन्होंने किसानों को 1000 वर्ग गज का प्लॉट या तैयार जमीन देने के सरकार के वादों को ‘झूठे वादे’ कहकर खारिज कर दिया, जोकि मास्टर प्लान में कहीं भी उल्लिखित नहीं हैं।

 

आगे परगट सिंह ने भगवंत मान सरकार की एक बहुत ही आवश्यक कृषि नीति को लागू करने में विफल रहने के लिए आलोचना की। लैंड पूलिंग पॉलिसी को पंजाब के किसानों को कमजोर करने और राज्य की उपजाऊ भूमि को लूटने के

लिए आप और भाजपा के बीच एक साजिश है।

 

इसे पहले विधायक परगट सिंह ने पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वे किसानों और सिख समुदाय के मुद्दों पर हमेशा निडरता से बोलते रहे। उन्होंने दिखा दिया कि कोई व्यक्ति चाहे कितने भी ऊँचे पद पर क्यों न हो, जनता के पक्ष में खड़ा होना ही असली नेतृत्व होता है।

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किसान संगठनों को एकजुट होने की अपील

 

प्रगट सिंह ने कहा कि शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसानों को दो भागों में बांटने की कोशिश की गई थी, ताकि आंदोलन कमजोर पड़े। उन्होंने सभी किसान जत्थेबंदियों से अपील की कि वे एकजुट हो जाएं, क्योंकि यह लड़ाई सिर्फ तीन कृषि कानूनों तक सीमित नहीं रही — अब तो किसानों की ज़मीन पर ही खतरा मंडरा रहा है।

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नीति के जरिए बड़ी लूट कर रहे केजरीवाल

 

उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल को दिखाई दे रहा है कि पंजाबी 2027 में उनकी पार्टी को पंजाब के बाहर का रास्ता दिखाने के लिए तैयार बैठे हैं। इसलिए वह इस नीति के जरिए ‘बड़ी लूट’ कर रहे हैं। उन्होंने सरकार को यह बताने की चुनौती दी कि वह 2013 के भूमि अधिग्रहण अधिनियम द्वारा आवश्यक कानूनी रूप से अनिवार्य सर्वेक्षणों और सामाजिक प्रभाव, पर्यावरण आकलन रिपोर्ट व पुनर्वास योजना जैसी रिपोर्टों की अनदेखी क्यों कर रही है?

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कानूनन प्रभावित परिवारों के 70% की सहमति जरूरी

 

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भूमि अधिग्रहण के लिए कानून में ग्राम सभाओं के माध्यम से प्रभावित परिवारों के 70% की सहमति की आवश्यकता है। जिसमें भूमिहीन ग्रामीण भी शामिल हैं। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि अधिनियम के तहत, स्थानीय निकायों के परामर्श से सामाजिक प्रभाव आकलन किया जाना चाहिए। एक अनुकूल रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद ही भूमि का अधिग्रहण किया जा सकता है।

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मंत्री संजीव अरोड़ा को धोखाधड़ी का ‘अनुभव’

 

कैबिनेट मंत्री संजीव अरोड़ा पर आरोप लगाते हुए दावा किया कि वह धोखाधड़ी से जमीन हासिल करने और धन जुटाने के लिए अपने ‘अनुभव’ का उपयोग कर रहे हैं। अरोड़ा ने कथित तौर पर लुधियाना के मुंडियां गांव में 45 एकड़ औद्योगिक रूप से आवंटित भूमि का उपयोग अवैध आवासीय कॉलोनियों के लिए किया था। यही काम 100 एकड़ जमीन के साथ ओसवाल ग्रुप कर रहा है।

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बेअदबी पर सरकार की चुप्पी पर उठाए सवाल

 

उन्होंने कहा कि हाल ही में बेअदबी के मुद्दे पर आवाज़ उठाई थी, लेकिन अफसोस जताया कि इसके बाद कोई भी नेता इस विषय पर बोलने को तैयार नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि सुखबीर बादल, मुख्यमंत्री भगवंत मान, स्पीकर कुलतार संधवा और मंत्री अमन अरोड़ा जैसे नेता इस मुद्दे पर खामोश हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आरोपी को पैरोल तक दे दी गई है, लेकिन सरकार चुप्पी साधे बैठी है।

परगट सिंह ने कहा कि पंजाब में मौजूदा समय में सिविल और पुलिस प्रशासन का रवैया चिंता जनक है। उन्होंने प्रशासन को चेतावनी दी कि वे ईमानदारी और निष्पक्षता से काम करें, क्योंकि जनता का धैर्य जवाब दे रहा है।

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