पूर्व मंत्री बिक्रम मजीठिया के करीबी माने जाते शातिर ठग्ग विकास शर्मा चीनू पर पुलिस ने शिकंजा कस दिया है। एक एनआरआई महिला के साथ एक जमीनी सौदे की आड़ में ठगी और जालसाजी करने के आरोप में पंजाब पुलिस ने जालंधर के चहार बाग निवासी पिता-पुत्र को संगीन एवं गैर-जमानती धाराओं के तहत नामजद किया है।केस दर्ज करवाने में अहम भूमिका निभाने वाले एक हलवाई से पता चला है कि केस दर्ज होने की भनक लगते ही पिता पुत्र दोनों फरार हो गए हैं तथा गिरफ्तारी से बचने के लिए भूमिगत हो गए हैं। भारतीय मूल की अमरीकी नागरिक इन्द्रजीत कौर पत्नी हरदीप सिंह गोल्डी निवासी 312, जीटीबी नगर जालंधर की शिकायत पर कमिश्नरेट पुलिस जालंधर ने पंजाब के एनआरआई विंग की उच्च स्तरीय जांच रिपोर्ट के आधार पर 201, चहार बाग जालंधर निवासी विकास शर्मा उर्फ चीनू पुत्र तिलक राज तथा कार्तिक शर्मा पुत्र विकास शर्मा के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 465, 467, 468, 471 तथा 120 बी के तहत केस दर्ज किया है। संगीन आरोपों के चलते पंजाब स्टेट विजीलैंस ब्यूरो की हिरासत में चल रहे पूर्व अकाली मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया के बेहद करीबी माने जाते आरोपी विकास शर्मा के कई पुलिस अधिकारियों व गर्मख्याली नेताओं के साथ भी खासे लिंक बताए जाते हैं। पीड़ित का दावा है कि उन्हें जान से मरवाने की धमकियां भी दी गई। केस दर्ज करवाने के लिए ऐड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ा क्योंकि आरोपी विकास का कई बड़े अफसरों ने खुलकर फेवर किया जिसके खिलाफ वे जल्द अलग से शिकायत करेंगे। उधर, केस दर्ज होने के बाद दोनों पिता-पुत्र अपने सभी मोबाइल फोन नंबर स्विच ऑफ करके गायब बताए जा रहे हैं। एफआईआर में मौजूद कंटेंट के मुताबिक पुलिस ने आरोपियों का भी पक्ष सुना है और उन्होंने खुद को बेकसूर बताया है लेकिन असली रसीद पेश नहीं की। वहीं, दोनों आरोपी पिता-पुत्र ने खुद के साथ फ्रॉड होने की बात भी कही लेकिन पुलिस को उनकी कहानी पर जरा-सा भी यकीन नहीं हुआ। हालांकि जांच ट्रांसफर करवाने के लिए दोनों आरोपी माननीय हाईकोर्ट भी गए लेकिन राहत नहीं मिली थी ।
पुलिस की जांच रिपोर्ट
उच्च स्तरीय जांच रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आए कि आरोपी पक्ष ने एक सोची-समझी गहरी साजिश के तहत बेहद शातिराना ढंग से एनआरआई महिला से ठगी को अंजाम दिया। जांच में सामने आया कि आरोपी कार्तिक शर्मा और उसके पिता विकास शर्मा उर्फ चीनू ने पहले पीड़ित महिला को झांसे में लेकर जमीन का सौदा किया। एक करोड़ रुपए पेशगी रकम देकर बयाना कर लिया और बकाया रकम अदायगी तथा रजिस्ट्री के लिए समय तय कर लिया। एग्रीमेंट के बाद पीड़ित विदेश चली गई और जब भारत लौटी तो कोर्ट में कार्तिक की ओर से किए केस बारे पता चला। केस फाइल हासिल की तो पता चला कि उसमें 2 करोड़ रुपए कैश अदा किए जाने की रसीद लगी देखी जो कि उनको आरोपी पक्ष ने कभी अदा ही नहीं किए। रसीद पर कार्तिक के अलावा उसके पिता विकास शर्मा उर्फ चीनू के भी साइन थे जिसको उन्होंने दावे के साथ कोर्ट में पेश किया था। जांच में यह भी सामने आया कि 2 करोड़ रुपए देने का एक व्हाटसएप संदेश मार्च की पुरानी तारीख में पेश किया जबकि रसीद 1 महीने बाद लिखी गई थी। जांच में लगभग सारे आरोप साबित होने तथा फर्जीवाड़ा होने के प्रत्यक्ष प्रमाण सामने आने पर पुलिस ने पाया कि पिता-पुत्र ने मिलकर एनआरआई महिला को जालसाजी से ठगा है जिसके चलते दोनों के खिलाफ केस दर्ज करने की सिफारिश की।