ज़मीन से रेत/मिट्टी हटाने की अनुमति – बाढ़ से मिट्टी और रेत नदियों में भर गई है, जिससे कई नदियों की चौड़ाई कम हो गई है सरकार “जिसकी जमीन, उसकी रेत” नीति लेकर आ रही है किसान अपनी ज़मीन से रेत/मिट्टी निकाल सकेंगे और चाहें तो उसे बेच भी सकते हैं । उन्होंने कहा कि ब्यास नहीं पहले बहुत चौड़ी होती थी, लेकिन अब छोटी हो गई।
“फसल का मुआवज़ा – फसल की बर्बादी के लिए प्रति एकड़ 20 हज़ार रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। यह अब तक किसी भी राज्य सरकार की तरफ से दिया गया सबसे अधिक मुआवजा है। मुआवजा चेक सीधे किसानों के हाथों में दिए जाएंगे
बाढ़ में जान गंवाने वाले प्रत्येक व्यक्ति के परिवार को 4 लाख रुपए की सहायता दी जाएगी
“जिन परिवारों के घर बर्बाद हो गए हैं, या पानी में बह गए हैं। उनका सर्वे करवाया जाएगा और नुकसान का आकलन होते ही सरकार वित्तीय सहायता सरकार देगी
“बाढ़ प्रभावित लोगों को लिए गए कर्ज की किश्त चुकाने में 6 महीने की छूट दी गई है इस अवधि में उन्हें किस्त नहीं देनी होगी
“बाढ़ के बाद बीमारियों से बचाव के लिए लगभग 1700 गांवों और 300 शहरी क्षेत्रों में फॉगिंग मशीनें लगाई जाएंगी हर गांव में क्लीनिक लगाकर डॉक्टरों की टीम भेजी जाएगी, ताकि दवाइयां और इलाज लोगों को नजदीक ही उपलब्ध हों ”
स्कूल, कॉलेज और बिजली ढांचे की मरम्मत – बाढ़ से शिक्षा संस्थानों और बिजली ढांचे को हुए नुकसान की मरम्मत युद्ध स्तर पर की जाएगी। “