नरेश भारद्वाज
एनडीपीएस मामले में करीब एक साल से फरार चल रही पूर्व लेडी इंस्पेक्टर अर्शप्रीत कौर गरेवाल ने मोगा की अदालत में सरेंडर कर दिया। उन्होंने एडिशनल सेशन जज रबीइंदर कौर की अदालत में आत्मसमर्पण किया। मामले के अनुसार, 1 अक्टूबर 2024 को तब की एसएचओ इंस्पेक्टर अर्शप्रीत कौर गरेवाल और मुंशी गुरप्रीत सिंह ने अमरजीत सिंह नामक व्यक्ति से 2 किलो अफीम बरामद की थी और उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। बाद में पुलिस जांच के दौरान यह खुलासा हुआ कि अमरजीत सिंह के साथ उसके दो साथी और थे, जिनके पास 3 किलो अफीम और मौजूद थी। आरोप है कि उन्हें छोड़ने के लिए 8 लाख रुपये में सौदा हुआ, जिसमें से 5 लाख रुपये इंस्पेक्टर अर्शप्रीत कौर, कांस्टेबल गुरप्रीत सिंह और राजपाल सिंह ने लिए थे। पुलिस ने इस मामले की जांच के बाद इस मामले में थाना कोट ईसे खां में अर्शप्रीत कौर गरेवाल, गुरप्रीत सिंह, राजपाल सिंह और मनप्रीत सिंह के खिलाफ करप्शन एक्ट और एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था।
मामला दर्ज होने के बाद अर्शप्रीत कौर करीब नौ महीने तक फरार रहीं और अदालत में पेश नहीं हुईं। अदालत में लगातार अनुपस्थित रहने पर 31 जुलाई 2025 को मोगा की अदालत ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया था।भगोड़ा घोषित होने से पहले, अर्शप्रीत कौर ने अपने फेसबुक पोस्ट के माध्यम से वरिष्ठ अधिकारियों पर यौन उत्पीड़न और बदले की भावना से झूठा केस दर्ज कराने के आरोप लगाए थे। उन्होंने दावा किया था कि यह मामला उनके खिलाफ प्रतिशोध की कार्रवाई है। आज करीब एक साल बाद, भगोड़ी घोषित लेडी इंस्पेक्टर अर्शप्रीत कौर गरेवाल ने अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया अदालत 20 अक्टूबर तक ज्यूडिशल कस्टडी में भेज दिया।